डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: जम्मू और कश्मीर विधानसभा के दूसरे चरण के लिए आज मतदान शुरू हो गया है। इस चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इनमें से 3 जिले जम्मू डिवीजन के हैं, जबकि 3 जिले घाटी से शामिल हैं। इस चरण में कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा और बीजेपी जम्मू-कश्मीर प्रमुख रविंद्र रैना शामिल हैं।
इस चुनाव में लगभग 25 लाख मतदाता 239 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए 3,502 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें 1,056 शहरी क्षेत्रों और 2,446 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।
विदेशी राजनयिकों की मौजूदगी में हो रही है चुनावी प्रक्रिया का अवलोकन
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण में केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए विभिन्न देशों के राजनयिकों को चुनावी प्रक्रिया का अवलोकन करने के लिए आमंत्रित किया है। यह पहली बार है जब विदेशी राजनयिकों को जम्मू और कश्मीर के चुनाव देखने का अवसर दिया गया है। इस ऐतिहासिक दौरे में 15 देशों के 16 राजनयिक शामिल हुए हैं, जिनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और रूस जैसे प्रमुख देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
विदेशी राजनयिकों का यह दल बुधवार को श्रीनगर पहुंचा और बडगाम जिले के विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा किया। दक्षिण अफ्रीकी राजनयिक लारा स्वार्ट ने कहा, “यह मेरे लिए एक विशेष अवसर है कि मैं जम्मू और कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने और इसे अवलोकित करने आई हूं।”
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सकारात्मक संदेश देने की पहल
केंद्र सरकार द्वारा विदेशी राजनयिकों को आमंत्रित करने के इस कदम को जम्मू और कश्मीर की स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एक सकारात्मक संदेश भेजने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। यह दौरा न केवल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को उजागर करता है, बल्कि यह क्षेत्र में स्थिरता और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास भी माना जा रहा है।
अगस्त में अमेरिकी राजनयिकों के एक दल ने भी कश्मीर घाटी का दौरा किया था और राजनीतिक नेताओं, जैसे पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और सजाद लोन से मुलाकात की थी। यह दौरे क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझने और समर्थन जुटाने के प्रयास का हिस्सा माने जा रहे हैं।
स्थिरता की ओर बढ़ता जम्मू और कश्मीर
इससे पहले, पिछले वर्ष जी20 पर्यटन गोल मेज सम्मेलन में भी जम्मू और कश्मीर में कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, जो इस क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। ऐसे में विदेशी राजनयिकों का यह दौरा न केवल चुनावी प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि जम्मू और कश्मीर के भविष्य के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हो सकता है।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार की गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश जाएगा कि जम्मू और कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया सफलतापूर्वक चल रही है और क्षेत्र सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है।
अब देखना होगा कि आने वाले वर्षों में जम्मू और कश्मीर की राजनीतिक स्थिति किस दिशा में जाती है। क्या यह क्षेत्र शांति और स्थिरता की ओर बढ़ेगा, या फिर अस्थिरता की चुनौतियों का सामना करेगा? इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
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