डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: राज्य में चल रही सिपाही बहाली प्रक्रिया के दौरान शारीरिक परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की मौत पर राज्य सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत शारीरिक परीक्षा के क्रम में तबीयत बिगड़ने से जान गंवाने वाले अभ्यर्थियों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने पहले ही इस संबंध में घोषणा की थी।
दौड़ के दौरान 17 अभ्यर्थियों की मौत, कई अब भी इलाजरत
सिपाही बहाली के दौरान अभ्यर्थियों की लगातार हो रही मौतों ने राज्य सरकार का ध्यान खींचा है। अगस्त में शुरू हुई इस बहाली प्रक्रिया के दौरान अब तक राज्यभर में 17 अभ्यर्थियों की जान जा चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से बीमार होकर अस्पताल में इलाजरत हैं। इस स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रभाव से शारीरिक दक्षता परीक्षा को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद निगरानी और सुविधाओं में सुधार कर फिर से परीक्षा प्रक्रिया शुरू की गई थी।
भविष्य में बहालियों के नियमों में होगा बदलाव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भविष्य में होने वाली सिपाही बहाली प्रक्रिया में आवश्यक बदलाव करने का भी निर्देश दिया है। गृह विभाग इस पर कार्य कर रहा है और आगामी 27 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस संबंध में संशोधित प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है। नए नियमों में 10 किलोमीटर की दौड़ की दूरी को कम करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि अभ्यर्थियों की सेहत पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
भाजपा ने सरकार पर साधा निशाना, मृत अभ्यर्थियों के परिजनों को दी सहायता
सिपाही बहाली प्रक्रिया के दौरान हुई मौतों को लेकर विपक्षी दल भाजपा लगातार राज्य सरकार पर हमलावर रही है। भाजपा ने इस मामले को लेकर सरकार की आलोचना की है और अपनी ओर से मृत अभ्यर्थियों के परिवारों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की है।
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