भारत सरकार, एमएसएमई मंत्रालय, शाखा एमएसएमई-विकास कार्यालय, मटकुरिया रोड, धनबाद द्वारा खरीद एवं विपणन सहायता योजना (पीएमएस योजना) के तहत निर्यात संवर्द्धन पर एक दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी (नेशनल सेमिनार) का आयोजन शुक्रवार को स्टेशन रोड स्थित रेलवे ऑडिटोरियम में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सह धनबाद के विधायक राज सिन्हा, विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र प्रसाद, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, धनबाद एवं इंद्रजीत यादव, आई.ई.डी.एस., संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया गया।
कार्यक्रम के संयोजक दीपक कुमार, सहायक निदेशक, शाखा एमएसएमई-विकास कार्यालय, धनबाद ने उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।
एमएसएमई-विकास कार्यालय, राँची से आए इंद्रजीत यादव, आई.ई.डी.एस., संयुक्त निदेशक एवं कार्यालय प्रमुख ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एमएसएमई इकाईयों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में नवीनतम चलन, निर्यात संवर्द्धन, निर्यात की प्रक्रिया, निर्यात संबंधित दस्तावेजीकरण इत्यादि के बारे में वृहद रुप से जानकारी देना एवं जागरुक करना है।
उन्होंने संगोष्ठी में शामिल रहे सभी प्रतिभागी उद्यमियों से फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ‘फियो’ के कोलकाता एवं डाक निर्यात केंद्र, धनबाद से आए विविध विशेषज्ञों के अनुभव का लाभ लेने की अपील की जिससे वे अपने उत्पादों का निर्यात विदेशों में कर सकें एवं अपने उद्यमों का विकास सुनिश्चित कर सकें।
विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र प्रसाद, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, धनबाद ने उद्घाटन सत्र में कहा कि धनबाद जिले के कई सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी जो निर्यात से जुड़े हैं परंतु अपने उत्पादों का निर्यात एक्सपोर्ट एजेंसियों के माध्यम से कर रहे हैं, ऐसे उद्यमियों को इस कार्यक्रम से निश्चित रूप से बहुत फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि इससे प्रतिभागी उद्यमी अपने उत्पादों का सीधे निर्यात कर पाने में सक्षम होंगे तथा इससे धनबाद जिले के उद्योगों का विकास होगा। जो सामुहिक रूप से झारखंड एवं देश के समग्र विकास में सहयोग करेगा।
उन्होंने उद्यमियों को झारखंड सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
मुख्य अतिथि सह विधायक, धनबाद राज सिन्हा ने कहा कि भारत सरकार की ओर से एमएसएमई के विकास के लिए विविध योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि धनबाद जिले एवं आसपास के जिलों के प्रतिभागी उद्यमियों को अपने उत्पादों का सीधे निर्यात करने में मदद मिल पाएगी।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई उद्यम हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। एमएसएमई उद्यमियों के विकास के लिए उत्पादों के निर्यात से संबंधित विषय का चयन प्रशंसनीय है एवं इसमें ज्यादा से ज्यादा कार्यशाला एवं प्रशिक्षण सत्र चलाए जाने की आवश्यकता है जिससे निर्यात पर जागरूकता को बढ़ावा मिल सके।
गौरव, सहायक निदेशक ने मुख्य अतिथि, अन्य गणमान्य अतिथियों एवं सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ‘फियो’ के कोलकाता स्थित कार्यालय के वरीय अधिकारी जुईन चौधरी, सहायक निदेशक ने प्रतिभागी उद्यमियों को निर्यात संवर्द्धन, निर्यात की प्रक्रिया, निर्यात संबंधित दस्तावेजीकरण इत्यादि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
डाक घर निर्यात केंद्र, धनबाद सर्कल के उत्तम कुमार सिंह, वरिष्ठ डाक अधीक्षक ने अपना अनुभव एवं कौशल सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमियों के साथ साझा किया एवं डाक घर निर्यात केंद्र की गतिविधियों एवं निर्यात को बढ़ाने में उनकी भूमिका के बारे में विस्तृत चर्चा की।
दीपमाला लकड़ा, क्षेत्रीय प्रमुख, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, धनबाद ने एमएसएमई उद्यमियों के लिए निर्यात संवर्द्धन हेतु उपलब्ध ऋण एवं वित्तीय सुविधाओं पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बैंकों द्वारा क्रेडिट गारंटी कवर स्कीम (सीजीटीएमएसई) के तहत दिए जाने वाले कोलैटरल फ्री लोन के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान कई उद्यमियों ने उनसे सीधे वार्तालाप करके सीजीटीएमएसई के बारे में जानकारी प्राप्त की।
जिला उद्योग केंद्र धनबाद के अधिकारियों द्वारा झारखंड सरकार द्वारा एमएसएमई उद्यमियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर प्रस्तुति दी गई। एमएसएमई के अधिकारियो द्वारा एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से उद्यमियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
संगोष्ठी में झारखंड राज्य के उद्योग संघों, चैम्बर्स एवं धनबाद जिले एवं आसपास के जिलों के लगभग 200 से ज्यादा प्रतिभागी उद्यमियों ने भाग लिया तथा निर्यात संवर्द्धन से संबंधित जानकारी प्राप्त की।
संगोष्ठी के आयोजन में शाखा एमएसएमई-विकास कार्यालय, धनबाद के सुजीत कुमार, सहायक निदेशक, राकेश कुमार, साहेब लाल मंडल आदि ने सहयोग किया।