डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : बर्मामाइंस लाल बाबा फाउंड्री की दुकानें और मकानों को तोड़ने का अभियान एकत्रित भारी भीड़ और राजनीति दलों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल के लिए रोक दिया गया। जिससे वहां के कारोबारियों और लोगों ने राहत की सांस ली। बता दें कि शुक्रवार बर्मामाइंस के लाल बाबा बाउंड्री से अतिक्रमण हटाया जाना था। लेकिन मकान और दुकानें तोड़ने गई टीम को भारी विरोध के बाद खाली हाथ लौटना पड़ा। भारी भीड़ और पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने अभियान को टाल दिया।
अतिक्रमण हटाने आने वाली टीम को रोकने के लिए लोगों की भारी भीड़ सुबह से ही लाल बाबा फाउंड्री के पास ट्यूब डिवीजन गोल चक्कर पर जमा हो गई थी। इस दौरान वहां भारी संख्या में मौजूद स्थानीय लोगों और व्यवसायियों ने वज्र वाहन मजिस्ट्रेट और पुलिस कर्मियों को रोक दिया। वे मांग कर रहे थे कि उन्हें हाई कोर्ट जाने और वहां से राहत पाने के लिए मौका दिया जाए। लोगों का यह भारी विरोध उस वक्त देखने को मिला जब कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन की टीम टाटा स्टील की 70 एकड़ जमीन पर से अतिक्रमण हटाने गई थी।
प्रशासन की ओर से कार्यपालक दंडाधिकारी सुमित प्रकाश और कोर्ट के नाजिर धीरज पुलिस कर्मियों का नेतृत्व करते हुए बर्मामाइंस थाना से यहां पहुंचे लेकिन उन्हें रोक दिया गया। इस दौरान लोग जमकर नारेबाजी करते दिखे। मजिस्ट्रेट के आसपास मौजूद भारी भीड़ के बीच में भारतीय जनतंत्र युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अमित शर्मा भी मौजूद थे। बाद में पूर्व सांसद डॉक्टर अजय कुमार पहुंचे और मजिस्ट्रेट सुमित कुमार से कहा कि टाटा स्टील अदालत के फैसले का गलत इस्तेमाल कर रही है। जिस क्षेत्र को लेकर अदालत का फैसला आया है, कंपनी उससे अलग जमीन को खाली कराने की कोशिश कर रही है। जिसे बिल्कुल भी होने नहीं दिया जाएगा। वहां पर इकट्ठा हुए लोगों ने प्रशासन का भारी विरोध करते हुए सड़क पर टायर जला कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आखिरकार प्राशासनिक टीम ने वापस लौटने का फैसला किया।