मिरर मीडिया संवाददाता, नई दिल्ली:eh दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के परिणाम को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने चुनाव परिणाम शीघ्र घोषित करने की मांग की है। इस संदर्भ में दिल्ली में आयोजित एक प्रेस वार्ता में एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि छात्रों का प्रतिनिधित्व आवश्यक है और डूसू चुनाव के परिणामों को जल्द से जल्द घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ छात्रों और युवाओं के मुद्दों को उठाने का एक सशक्त माध्यम है, और इसके लिए समय पर प्रतिनिधित्व मिलना जरूरी है।
याज्ञवल्क्य शुक्ल ने न्यायालय की कार्यवाही पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि डूसू चुनाव के संदर्भ में न्यायालय में सुनवाई के दौरान विभिन्न हितधारकों को अपनी बात रखने का अवसर नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव संबंधी नियमों में वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव होना चाहिए। शुक्ल ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान में, जहां लगभग डेढ़ लाख छात्र मतदाता होते हैं, वहां मात्र 5000 रुपये में चुनाव लड़ने का नियम तर्कसंगत नहीं है। इसके अलावा अन्य चुनावी नियमों में भी समयानुसार सुधार की आवश्यकता है।
प्रेस वार्ता के दौरान एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव सुधार के लिए उच्च न्यायालय को पूर्व जज, कुलपति, शिक्षाविद, छात्रसंघ के पदाधिकारियों, छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों और अन्य विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना चाहिए। इस समिति के माध्यम से सभी हितधारकों की राय और सुझाव शामिल किए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सुधार तभी सार्थक होंगे जब सभी पक्षों को साथ लेकर चला जाएगा।
दिल्ली इकाई के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री ने छात्रसंघ चुनावों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जहां एक ओर देशभर में विभिन्न निकायों और समूहों के चुनाव हो रहे हैं, वहीं शैक्षणिक संस्थानों में छात्रसंघ चुनावों को बंद करवाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ चुनावों में सुधार होना चाहिए, लेकिन इसे बंद करना समाधान नहीं है। छात्रों को अपने प्रतिनिधियों का चयन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है, जिसे किसी भी तरह से छीना नहीं जा सकता।