मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) ने फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में हो रही देरी और छात्रों की कॉउन्सिलिंग में विलंब को लेकर भेषजी परिषद् (फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया) को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में अभाविप ने मांग की है कि फार्मेसी कॉलेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया को त्वरित किया जाए और कॉउन्सिलिंग को शीघ्र प्रारम्भ किया जाए ताकि छात्रों के शैक्षिक वर्ष का नुकसान न हो।
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में हो रही देरी से छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष भेषजी परिषद् फार्मेसी कॉलेजों का निरीक्षण कर मान्यता प्रदान करता है, लेकिन इस वर्ष यह प्रक्रिया विलंब से चल रही है। इसके कारण कई कॉलेजों को मान्यता प्राप्त नहीं हो सकी है, जिससे जुलाई माह में शुरू होनी वाली प्रवेश प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। परिणामस्वरूप, मेधावी फार्मेसी छात्र अपना शैक्षिक वर्ष सुरक्षित करने के लिए अन्य विषयों में प्रवेश लेने को मजबूर हो रहे हैं।
अभाविप ने भेषजी परिषद् को दिए चार सुझाव:
मान्यता देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर घोषित की जाए: यह सुनिश्चित करने के लिए कि मान्यता प्राप्त कॉलेजों को समय पर मान्यता मिल सके और कॉउन्सिलिंग प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
मान्यता प्राप्त कॉलेजों में शीघ्र कॉउन्सिलिंग प्रारम्भ की जाए: जिन कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहां तत्काल कॉउन्सिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए ताकि छात्रों को समय पर प्रवेश मिल सके।
नए कॉलेजों में दो चरणों में कॉउन्सिलिंग की व्यवस्था की जाए: जिन नए कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया 30 नवंबर तक पूरी होगी, उन कॉलेजों में दो चरणों में कॉउन्सिलिंग की व्यवस्था की जाए, ताकि छात्रों को अधिक अवसर मिल सकें।
मान्यता प्रक्रिया में तेजी लाना: समग्र मान्यता प्रक्रिया को त्वरित किया जाए ताकि छात्रों को समय पर निर्णय मिल सके और उनकी पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए।
शुक्ल ने कहा, “हमारा स्पष्ट मत है कि मान्यता प्रक्रिया में उचित और समय पर निरीक्षण होना आवश्यक है। लेकिन देरी के कारण छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया में होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, भेषजी परिषद् से शीघ्र और प्रभावी निर्णय की उम्मीद की जा रही है। हमारे सुझावों के माध्यम से हम चाहते हैं कि फार्मेसी कॉलेजों में त्वरित कॉउन्सिलिंग प्रक्रिया शुरू हो और छात्रों को उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।”