CBI के बाद अब ED ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया ही। इसी के तहत कोलकाता में 5 से 6 जगहों पर छापेमारी की है। इन छापेमारियों में संदीप घोष का और उसके करीबियों के घर शामिल हैं, जिनमें आरजी कर अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रसुन चटर्जी का घर और संदीप घोष के एक पुराने करीबी का भी घर है।
बता दें कि यह छापेमारी कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार के मामले में की गई है। जबकि भ्रष्टाचार के मामले में संदीप घोष को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उसपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
उधर सीबीआई की जांच अब अंतिम चरण में है। DNA रिपोर्ट सीबीआई के पास पहले ही आ चुकी है, जिसे फाइनल ओपिनियन के लिए एम्स भेजा गया था। एम्स के डॉक्टरों का पैनल DNA रिपोर्ट का बारीकी से अध्ययन कर रहा है और फाइनल रिपोर्ट जल्द सीबीआई को वापस भेजी जाएगी। सूत्रों का दावा है कि एम्स की DNA रिपोर्ट पर फाइनल ओपिनियन के बाद सीबीआई इस मामले में जांच के निष्कर्ष पर पहुंचेगी।
गौरतलब है कि सीबीआई इस मामले में अब तक करीब 100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। 10 से ज्यादा लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट भी सीबीआई ने कराए हैं ताकि चार्जशीट में वारदात का कोई सिरा अधूरा न रहे। वहीं, मृतका का DNA और आरोपी का DNA का मैच हो गया है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट आने में कुछ समय और लग सकता है।
16 दिन पूछताछ के बाद सीबीआई ने वित्तीय अनियमित्ताओं के आरोप में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार था। संदीप घोष से मेडिकल कॉलेज में पहले रेप और मर्डर, संजय रॉय के बारे में और फिर वित्तीय अनियमितताओं को लेकर करीब 250 घंटे पूछताछ हुई थी। 24 अगस्त को सीबीआई ने संदीप घोष व अन्य के खिलाफ करप्शन की FIR दर्ज कर अलग जांच शुरू की थी। घोष फरवरी, 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी मेडिकल कॉलेज का प्रिसिंपल था। उसका उस साल अक्टूबर में आरजी कर कॉलेज से तबादला कर दिया गया था। लेकिन एक महीने के अंदर ही वह इसी अस्पताल में इस पद पर लौट आया था।