डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: झारखंड के तेनुघाट, मैथन, और पंचेत डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद पश्चिम बंगाल के कई जिलों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। इस जल संकट ने बंगाल के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे फसलों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है।
झारखंड के वाहनों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध
बाढ़ की स्थिति से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार से झारखंड के वाहनों के प्रवेश पर तीन दिनों के लिए रोक लगा दी थी। उनके इस कदम से बंगाल-झारखंड बॉर्डर पर झारखंड के कुल 6 जिलों के सभी नाका चेकिंग पॉइंट को सील कर दिया गया, जिससे ट्रकों और अन्य वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। 25 से 26 किलोमीटर तक फैली इन कतारों ने वाहनों के आवागमन को ठप कर दिया और लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
ममता बनर्जी ने आदेश लिया वापस
शुक्रवार को दिनभर सीमा पर लगे इस प्रतिबंध के बाद, देर रात ममता बनर्जी ने अपने आदेश को वापस ले लिया। पश्चिम बंगाल सरकार ने बॉर्डर को फिर से खोलने का निर्देश दिया, जिसके बाद पुलिस ने सभी नाका चेकिंग पॉइंट्स को खोल दिया। रात करीब 3:30 बजे से वाहनों का आवागमन फिर से शुरू हो गया और सुबह 10:00 बजे तक बॉर्डर के सभी चेकिंग प्वाइंट जाम मुक्त हो गए।
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