मिरर मीडिया संवाददाता, जमुई (बिहार): बिहार के जमुई जिले में दो लाख रुपये देकर आईपीएस बनने का एक अनोखा और चौंकाने वाला मामला सुर्खियों में है। मिथिलेश नामक युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उससे दो लाख रुपये लेकर फर्जी तरीके से आईपीएस की वर्दी थमाई गई और उसे विश्वास दिलाया गया कि अब वह आईपीएस अधिकारी बन गया है।
मिथिलेश का कहना है कि उसे धोखे में रखकर यह जालसाजी की गई, जहां उसे आईपीएस बनने का सपना दिखाया गया और वर्दी पहनाकर फर्जी पहचान दी गई। जब सच्चाई सामने आई, तो मिथिलेश को पुलिस थाने में बुलाकर पूछताछ की गई, जिसके बाद उसे बॉन्ड भरवाकर छोड़ दिया गया।
मिथिलेश की अपील:
अपने घर लौटने के बाद मिथिलेश ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। उसने अनुरोध किया है कि जिसने उससे दो लाख रुपये लेकर यह फर्जीवाड़ा किया, उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उसका पैसा वापस दिलवाया जाए। मिथिलेश ने कहा, “मैंने कड़ी मेहनत से ये पैसे जमा किए थे, और अब मुझे इंसाफ चाहिए। पुलिस मेरी मदद करे और मेरे पैसे वापस दिलवाए।”
इस घटना ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया है और यह इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। पुलिस अब इस धोखाधड़ी के मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और उन व्यक्तियों को ढूंढ़ने का प्रयास कर रही है जिन्होंने इस पूरे प्रकरण को अंजाम दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस तरह के मामलों में अक्सर जालसाज बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाते हैं, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार रहते हैं।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल:
इस घटना के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि बेरोजगार युवाओं के साथ किस तरह से धोखा किया जा रहा है और प्रशासन को इस तरह के मामलों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और मिथिलेश के पैसे वापस दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।