मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर IIT-ISM धनबाद में एक विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुकुमार मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। गोल्डन जुबली थियेटर में आयोजित इस कार्यक्रम में तीन ओजोन विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने छात्रों को ओजोन परत की आवश्यकता, उसमें हो रहे छिद्र और उसके बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान चित्रकला और पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ओजोन विशेषज्ञों ने ओजोन परत के संरक्षण के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझावों का आदान-प्रदान किया।निदेशक और विशेषज्ञों ने बताया कि ओजोन परत में छिद्र का मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) गैसों का उपयोग है, जो एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और अन्य उत्पादों से निकलती हैं। ये गैसें ओजोन परत को नुकसान पहुंचाकर सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट (UV) किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने देती हैं, जिससे त्वचा कैंसर, आंखों की समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।ओजोन परत के संरक्षण के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैसों का उपयोग कम करके इको-फ्रेंडली विकल्पों को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही, लोगों में जागरूकता फैलाना भी अत्यंत आवश्यक है ताकि वे ओजोन परत के महत्व को समझ सकें और इसके संरक्षण के लिए कदम उठा सकें।