Jharkhand में JSSC CGL परीक्षा के कारण राज्य सरकार द्वारा इंटरनेट सेवा बंद किये जाने के आदेश पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका की शनिवार को झारखंड उच्च न्यायालय में हुई। जहाँ हाईकोर्ट के लिए जस्टिस आनंद सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
इंटरनेट सेवा लोगों की मौलिक जरूरत में : अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद
इस मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी। खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि परीक्षा के कारण 6 घंटे झारखंड में इंटरनेट सेवा क्यों बंद की गई, इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, व्यावसायिक सेवा, बैंकिंग सेवा, परिवहन सेवा आदि प्रभावित हुई है। इंटरनेट सेवा लोगों की मौलिक जरूरत में आती है।
कोर्ट निर्णय लेगी कि किन परिस्थितियों में झारखंड में इंटरनेट सेवा बंद की जाए
एक माह में अगर पांच परीक्षा होंगे तो क्या पांच बार इंटरनेट सेवा बंद कर दी जाएगी। इस पर खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट इस विषय को देखेगी। किन परिस्थितियों में झारखंड में इंटरनेट सेवा बंद की जा सकती है इस पर कोर्ट निर्णय लेगी।
कोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने के दिए निर्देश
गौरतलब है कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने राज्य में 6 घंटे इंटरनेट सेवा बंद होने के आलोक में रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से एक्टिंग चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था जिस पर शनिवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान उन्होंने अदालत से इंटरनेट सुविधा बंद किए जाने पर रोक का आग्रह भी किया। लेकिन कोर्ट ने उनके आग्रह को नहीं मानते हुए सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि झारखण्ड राज्य में JGGLCCE की परीक्षा सुबह 8:30 बजे से अपराह्न 5 बजे तक 3 पालियों में चलेगी। परीक्षा 3 पालियों में सुबह 8:30 बजे से अपराह्न 5 बजे तक चलेगी। 2025 पदों पर निकली इस वैकेंसी के लिए राज्यभर में 823 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। बता दें कि 2025 पदों के लिए करीब 6.39 लाख अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं।