8.1 C
New York
Thursday, November 21, 2024

Buy now

Jamshedpur : एलबीएसएम कॉलेज में बीएड की होगी पढ़ाई, बीबीए, बीसीए, संताली, काॅमर्स व भूगोल विभागों के लिए शिक्षकों के नए पद सृजित

डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : एलबीएसएम कॉलेज में बीएड की पढ़ाई की स्वीकृति दी गयी है। अब इस क्षेत्र के विद्यार्थी कम पैसे में बीएड की पढ़ाई कर सकेंगे। बीएड कॉलेज की स्थापना से रोजगार पाने की संभावना भी बढ़ेगी। इसके साथ ही इस कॉलेज में कई नए पाठ्यक्रम भी शुरू किये गए हैं। हर वर्ष यहां बीसीए और बीबीए के 180 और 120 विद्यार्थियों का नामांकन होगा। भूगोल और फिजिकल एजुकेशन के लिए 120 और 50 सीटों की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त यहां कुरुमाली भाषा की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी। इन सबके लिए शिक्षको के नये पदों का सृजन किया गया है। आज एलबीएसएम कॉलेज के बहुद्देश्य सभागार में छात्रों द्वारा आयोजित भव्य ‘शिक्षक दिवस समारोह’ में मुख्य अतिथि के बतौर झारखंड सरकार के उच्च और तकनीकी शिक्षा के मंत्री रामदास सोरेन ने ये घोषणाएं की।

रामदास सोरेन ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार छात्रों की संख्या के अनुरूप प्रोफेसरों की नियुक्ति के निर्देश पर सरकार अमल करने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले इस कॉलेज में 150 छात्रों पर केवल एक संताली शिक्षक थे, अब संताली के लिए शिक्षकों के तीन पद सृजित किए गए हैं। इसी तरह भौतिकी, रसायन के लिए तीन-तीन और कॉमर्स के लिए आठ शिक्षकों के पदों का सृजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि समय कम है, पर काम ज्यादा है। आज आदिवासी, मूलनिवासी और पिछड़े लोगों की शिक्षा बेहद आवश्यक है। शिक्षा के इस बुनियादी अधिकार के लिए वे लंबे समय से आंदोलनरत रहे हैं। सरकार उनकी आकांक्षाओं पर ध्यान दे रही है। सरकार की ओर से दिशम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गयी है, जिसके तहत छात्रों को पढ़ने के लिए सरकार पैसे देगी और छह साल तक उस पर कोई ब्याज नहीं लगेगा। सरकार यहां के छात्र-युवाओं को स्वरोजगार या रोजगार देने के लिए संकल्पबद्ध है। शिक्षा मंत्री ने विदेशों में पढ़ाई के लिए जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर बनी योजना का भी जिक्र किया और कहा कि इसके तहत अब तक 25 छात्र सरकारी खर्चे पर विदेशों में पढ़ने के लिए भेजे जाते थे। इस बार आवेदनों की संख्या 100 से 150 के बीच है। सरकार इनको विदेशों में अध्ययन के लिए भेजने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद पहले झारखंड में अपनी सेवाएं देनी पड़ेगी।

रामदास सोरेन ने मईंया योजना, पेंशन योजना, विधवा पेंशन आदि झारखंड के निवासियों के लिए बनाई गई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पहले झारखंड मानव तस्करी के लिए जाना जाता है। आज यह रोजगार की संभावनाओं के लिए जाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि एलबीएसएम कॉलेज के विकास के लिए 242 करोड़ 46 लाख की योजना का डीपीआर बन गया है, जिसकी फाइल उनके पास है, जिसे जल्द ही वे कैबिनेट में प्रस्तुत करेंगे। एलबीएसएम कॉलेज निश्चित तौर पर सबसे बड़ा और बेहतर कॉलेज बनेगा।

अस्सी फीसदी ग्रामीण छात्र एलबीएसएम कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करते हैं: संजीव सरदार

पोटका विधानसभा के विधायक संजीव सरदार ने एलबीएसएम कॉलेज में अस्सी फीसदी छात्र ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। इनमें अधिकतर आदिवासी हैं। ये छात्र प्राइवेट शिक्षा नहीं ग्रहण कर सकते। ये सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर ही निर्भर हैं। विधायक के तौर पर उन्हें जो भी संसाधन हासिल है, उसका उन्होंने शिक्षा के लिए उपयोग किया है। हेमंत सोरेन सरकार अंतिम जन तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम चाहते हैं कि झारखंड से आइएएस, डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफसर की जिम्मेवारियों में अधिक से अधिक लोग जाएं। उन्होंने बताया कि उन्होंने कॉलेज के बहुद्देश्यीय सभागार में साउंड सिस्टम और पर्दे की व्यवस्था करने की अनुशंसा कर दी है।

छात्रों की उपस्थिति से आह्लादित हुए कुलसचिव डॉ. राजेंद्र भारती

कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजेंद्र भारती ने कहा कि जो संघर्ष से किसी मुकाम को पाते हैं वे ही जानते हैं कि संघर्ष में किस तरह के दर्द से गुजरना होता है। परीक्षाओं और रिजल्ट का समयानुसार प्रकाशन हो सके, कुलसचिव के रूप में वे इसके लिए कोशिश कर रहे हैं। इस समारोह में छात्रों की इतनी भारी संख्या में उपस्थिति आह्लादित कर रही है।

वंचित वर्गों की भागीदारी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व रोजगार के अधिकार की उम्मीद जाहिर की प्राचार्य प्रो. डॉ. बी.एन प्रसाद ने

समारोह की अध्यक्षता करते हुए एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. बी.एन. प्रसाद ने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका है कि छात्रों के निवेदन पर उच्च शिक्षा और तकनीकी मंत्री और पोटका विधायक इस कॉलेज में आए और इस कॉलेज के विकास के लिए हर्षदायक उद्घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि कॉलेज में स्थित पं. रघुनाथ मुर्मू पुस्तकालय में नए पाठ्यक्रमों के अनुरूप पुस्तकों को उपलब्ध कराना, इतिहास विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई, गर्ल्स होस्टल का निर्माण तथा दूर से आने वाली छात्राओं और छात्रों के लिए बसों की व्यवस्था जरूरी है। उन्होंने यह भी अपेक्षा की, कि यूनिवसिर्टियों में जो बहालियां होने वाली हैं, वे पारदर्शी ढंग से हो सकें, इसके लिए सरकार इन पर निगरानी रखे। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में वंचित वर्गों की भागीदारी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में तीव्र गति से काम करेगी। उन्होंने कहा कि एलबीएसएम काॅलेज की जो आधारभूत संरचना है, वह इसके विश्वविद्यालय बनने के लिए सर्वथा उपयुक्त है। यह इस क्षेत्र की जनता की भी आकांक्षा है, इसलिए सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।

इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलन और अंगवस्त्र व पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों अतिथियों को सम्मानित करने के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ। छात्र संघ और शिक्षक संघ की ओर से भी शिक्षा मंत्री को सम्मानित किया गया। इनके साथ आमंत्रित प्राचार्यों प्रो. डॉ. अमर सिंह और प्रो. गुमडा मार्डी को भी सम्मानित किया गया। कॉलेज के सभी प्रोफेसरों और शिक्षकों को आयोजकों की ओर से सम्मान में प्रतीक चिह्न दिया गया। टीआरएल विभागों के छात्रों ने स्वागत गान गाया। उसके बाद कॉलेज के कुलगीत का गान हुआ

शिक्षक दिवस समारोह बना रहा है नए-नए कीर्तिमान: अशोक कुमार झा

स्वागत वक्तव्य में कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और पूर्व प्रॉक्टर प्रो. डॉ. अशोक कुमार झा ने कहा कि एलबीएसएम कॉलेज के छात्रों ने गुरुजनों के सम्मान में जिस शिक्षक दिवस समारोह की शुरुआत की थी, वह लगातार नए-नए कीर्तिमान बना रहा है। इसी क्रम में आज का यह समारोह भी है, जो कई मामले में ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। उन्होंने इस काॅलेज के संस्थापक प्रो. ए.पी वर्मा, सनातन माझी और सनातन सरदार को याद किया तथा प्रभारी प्राचार्य के बतौर अपने कार्यकाल के साथ पूर्व के प्राचार्यों के काल में इस कॉलेज के आधारभूत ढांचे के विकास के साथ शिक्षा की बेहतरी के लिए किए गए महत्त्वपूर्ण कार्यों की चर्चा भी की तथा उम्मीद जाहिर की कि स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति की वजह से कॉलेज को नैक में बेहतर ग्रेड मिलेगा।
समारोह का कुशल संचालन अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. डॉ. मौसमी पॉल ने किया। इस मौके पर डॉ. विनय कुमार गुप्ता, डाॅ. डीके मित्रा, डाॅ. संचिता भुई सेन, प्रो. अरविंद कुमार पंडित, प्रो. विनोद कुमार, प्रो. विजय प्रकाश, डाॅ. संतोष राम, डॉ. दीपंजय श्रीवास्तव, डाॅ. पीके गुप्ता, डाॅ. सुष्मिता धारा, डाॅ. जया कच्छप, प्रो. रितु, प्रो. स्वीकृति, डाॅ. शबनम परवीन, डाॅ. सलोनी रंजने, डाॅ. संतोष कुमार, डाॅ. रानी, डाॅ. प्रशांत, डाॅ. सुधीर कुमार, प्रो. मोहन साहू, प्रो. बाबूराम सोरेन, प्रो. शिप्रा बोयपाई, प्रो. संजीव मुर्मू, सौरभ कुमार वर्मा, पुनीता मिश्रा, मिहिर डे, अनिमेष, लुसीरानी मिश्रा, प्रियंका, ममता मिश्रा, ज्योति पर्व, चंदन जायसवाल, सुमित्रा शिंकु, हरिहर, रामप्रवेश यादव समेत काॅलेज के सभी शिक्षक और गैर- शैक्षणिक कर्मचारी इस समारोह में मौजूद थे।

समारोह में छात्रों की लगभग दो दर्जन टीमों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। अतिथियों का स्वागत भी झारखंड की परंपरागत संस्कृति के अनुरूप किया गया। छात्रों की भारी तादाद को देखते हुए सभागार के बाहर भी एक एलईडी स्क्रीन लगाया गया था।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles