डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार द्वारा झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (जेएसएससी सीजीएल) में हुई अनियमितताओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आयोग को जांच के आदेश दिए जाने के बाद, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने अपनी तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी है। आयोग ने अनियमितताओं की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता कर रहे हैं। इस कमेटी में संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उप सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार लाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
शिकायतकर्ताओं से 30 सितंबर को होगी पूछताछ
जांच कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है और जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस संदर्भ में छह शिकायतकर्ताओं को 30 सितंबर को आयोग के कार्यालय में बुलाया गया है। इन शिकायतकर्ताओं में दो कोचिंग संचालक और चार अभ्यर्थी शामिल हैं, जो परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों की शिकायतें दर्ज कर चुके हैं।
अभ्यर्थियों ने सौंपे थे साक्ष्य, आयोग ने मांगा मूल स्रोत
गुरुवार को राज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद कई अभ्यर्थियों ने आयोग के सचिव से मुलाकात कर परीक्षा में हुई अनियमितताओं के कुछ साक्ष्य सौंपे थे। शिकायतकर्ताओं द्वारा एक पेन ड्राइव, एक सीडी और 54 पृष्ठों के दस्तावेज जमा किए गए थे। हालांकि, आयोग ने शिकायतकर्ताओं से कहा है कि उनके द्वारा सौंपे गए पेन ड्राइव और सीडी का मूल स्रोत स्पष्ट नहीं है। आयोग ने सभी शिकायतकर्ताओं से 30 सितंबर को फिर से उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है ताकि जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर उठाए सवाल
अभ्यर्थियों ने 21 और 22 सितंबर को संपन्न जेएसएससी सीजीएल परीक्षा-2023 को लेकर कुछ आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस परीक्षा में पूर्व की परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को पुनः शामिल किया गया, जिससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा, कुछ केंद्रों पर मोबाइल का इस्तेमाल कर उत्तर लिखने और प्रश्नपत्र लीक होने के भी आरोप लगाए गए हैं। रांची और धनबाद के कुछ केंद्रों पर अभ्यर्थियों द्वारा मोबाइल के जरिए परीक्षा में धोखाधड़ी करने की शिकायतें सामने आई हैं।
आयोग का पक्ष: परीक्षा रही कदाचार मुक्त
इन आरोपों के बावजूद आयोग का कहना है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा-2023 पूरी तरह से कदाचार मुक्त रही है। आयोग ने स्पष्ट किया कि परीक्षा की प्रक्रिया इतनी सुदृढ़ थी कि प्रश्नपत्र लीक होना संभव नहीं था। परीक्षा के दौरान कदाचार रोकने के लिए कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा भी बंद की गई थी, जिससे परीक्षा को फूलप्रूफ बनाया जा सके।
आयोग की ओर से यह भी कहा गया है कि अनियमितताओं की जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, और अभ्यर्थियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
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