एक तरफ झासा की बैठक में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयों ने झारखण्ड राज्य सरकार द्वारा प्रीमियम सेवा प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है जबकि बेहतर सुविधाओं को लेकर भी नाराजगी व्यक्त कि वहीं दूसरी तरफ गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पद पर पदोन्नत के लिए अर्हता के सरलीकरण करने के लिए झारखंड राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।
बता दें कि गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने बैठक करके IAS में चयन से नियुक्ति हेतु गैर प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए अर्हता के सरलीकरण करने के लिए राज्य सरकार को साधुवाद दिया है। IAS में प्रोन्नति के रूप समानुपातिक पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए होना चाहिए ताकि संविधान प्रदत्त अवसरों की समानता के अधिकार का फायदा गैर प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को मिल सके।
इस बाबत गैर प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों ने बैठक कर राज्य सरकार को अपने विभिन्न मुख्य एजेंडे पर ध्यान आकृष्ट कराया है जिसके तहत भा०प्र०से० में प्रोन्नति में एकरूपता हो इस हेतु चयन प्रक्रिया द्वारा ही प्रोन्नति राज्य सेवा के पदाधिकारियों का एक साथ किया जाय, ऐसी स्थिति में 17 वर्ष की सेवा पूर्ण करनेवाले पदाधिकारियों को समान अवसर मिल सकेगा। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित सभी संवर्गो में बराबरी बना रहे यह भी सुनिश्चित किया जाय।
पिछले दो सालों से भा०प्र०से० में प्रोन्नति के चयन प्रक्रिया संपन्न नहीं हो पाई थी। सरकार के इस पहल से वैकेंसी के अनुसार नियमित चयन प्रक्रिया संपन्न होने की उम्मीद जगी है। निर्धारित कालावधि के अनुरूप प्रोन्नति हेतु साल में दो बार DPC की बैठक नियमित अंतराल पर किया जाए। जबकि ससमय MACP का लाभ प्रदान किया जाए।
झारखण्ड राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को सचिवालय के पदों पर पदस्थापना मिलता है। उसी तरह अन्य राज्य सेवाओं के पदाधिकारियों के लिए भी वेतनमान एवं ग्रेड पे के अनुसार विभागाध्यक्षों एवं सचिवालय के प्रशासनिक पदों पर पदस्थापना हेतु विभिन्न राज्य सेवाओं के लिए संबंधित सरकारी विभागों / सरकारी उपक्रमों के पदों को कर्णाकित किया जाय।
प्रत्येक विभाग में पे लेवल 14 का पद सृजित किया जाय। सिमित परीक्षा के माध्यम से एसडीएम के पद पर डायरेक्ट चयन हो ।
बदलते पारिस्थितिकी में पब्लिक ऑर्डर मेंटेन करने हेतु मौजूदा मजिस्ट्रेटों की संख्या नाकाफी है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में निहित प्रावधानों का प्रयोग करते हुए लेवल 09 वाले जेपीएससी से चयनित सभी पदाधिकारियों को मजिस्ट्रेरियल पावर प्रदान किया जाए।