झाझा में अपोलो अस्पताल द्वारा मीडियाकर्मी के साथ किये गए अमानवीय व्यवहार को लेकर रविवार को झाझा के अम्बेडकर विचार मंच पर विरेन्द्र पासवान की अध्यक्षता में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया। जिसमें झाझा, सोनो, चकाई, गिधौर सहित जिला जमुई से सैकड़ों की संख्या में बिहार झारखंड के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मी शामिल हुए। इस दौरान कई राजनीतिक पार्टियों के नेता भी मौजूद सहित झाझा सोनो के प्रसिद्ध MBBS डॉक्टर और जमुई सिविल कोर्ट के अधिवक्ता भी शामिल रहें। जबकि मंच का संचालन समाजसेवी गौरव सिंह राठौड़ ने किया।
समाचार संकलन करने गए मिडियाकर्मीयों पर अपोलो अस्पताल के संचालक द्वारा दबंगो को बुलाकर अभद्रता करने का आरोप
दरअसल विगत 28 अगस्त को समाचार संकलन को गए मिडिया कर्मी के साथ झाझा के हेलाजोत स्थित अपोलो हॉस्पीटल के संचालक सुभाष वर्णवाल द्वारा दबंग लोगों द्वारा गाली गलौज देते हुए मारपीट किया गया वहीं मिडियाकर्मीयों का कैमरा भी छीनने का प्रयास किया गया। हालांकि इस मामले को लेकर सर्वप्रथम उपस्थित सभी मिडियाकर्मियों ने झाझा थाना में आरक्षी अधीक्षक के नाम उनके संग घटित घटना के ख़िलाफ एक आवेदन दिया।
अपोलो हास्पीटल के संचालक सुभाष वर्णवाल ने आरोप लगाते हुए मीडिया कर्मियों पर किया मुकदमा
जबकि उसके विपरीत अपोलो हास्पीटल के संचालक सुभाष वर्णवाल द्वारा वहाँ गए सभी मीडिया कर्मियों पर ही मुकदमा किया जिसमें संचालक ने आरोप लगाया कि हमारे अपोलो अस्पताल में कुछ मिडिया कर्मीयों द्वारा 5 लाख की रंगदारी मांगी गई एवं चेम्बर से 40 हजार रूपया भी निकाल लिया। वहीं धमकी देते हुआ चला गया।
अपोलो अस्पताल का रजिस्टर और CCTV को देखने की बात
इधर मीडियाकर्मियों ने अपोलो अस्पताल के संचालक द्वारा किये गए झूठे मुक़दमे के तथ्यों को एक सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा कि अगर कुछ ऐसा है तो 28 अगस्त की तारीख में सबसे पहले अपोलो हास्पीटल झाझा का रजिस्टर देखा जाए कौन कौन और कहाँ-कहाँ का मरीज उसके हास्पीटल में भर्ती था जिसका बयान भी लिया जा सकता है।
अपोलो हास्पीटल का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जांच की मांग
मीडिया कर्मियों ने बताया कि 28 अगस्त की तारीख में संध्या 6 बजे का C.C.T.V.- फुटेज की भी जाँच की जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि अपोलो हास्पीटल का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सही है या गलत है। इसकी भी जाँच की जाए और दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाए।
सभी ने एक स्वर में जमुई आरक्षी अधीक्षक से निष्पक्ष जांच कर दोषी को सजा देने कि मांग की
आज एक दिवसीय धरना में सैकड़ों की संख्या में उपस्थिल मीडियाकर्मी, सामाजिक और बुद्धिजिवि लोगों ने एक स्वर में जमुई के आरक्षी अधीक्षक से मांग की है कि अपोलो अस्पताल के संचालक सुभाष वर्णवाल द्वारा चौथे स्तंभ पर किये गए अमानवीय और अभद्र व्यवहार निंदनीय है। इसकी निष्पक्षता से जांच कर दोषी को सजा दी जाए अन्यथा बाध्य होकर तमाम मिडिया कर्मी एवं राजनितिज्ञ, समाजिक, बुद्धिजिवी लोग जन आन्दोलन के लिए बाध्य होगी।
पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग
वहीं वीरेंद्र पासवान ने इस सन्दर्भ में बताया कि हमलोग कुछ मीडिया कर्मी अस्पताल में घटित घटना की प्रतिक्रिया लेने अपोलो अस्पताल पहुंचे जहाँ संचालक भी अच्छे मूड में थे पर अचानक उनके मोबाइल पर एक कॉल आती है और फिर उसके स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है। जिसके तुरंत बाद कुछ लोग वहाँ आ जाते हैं और बदतमीजी करने लगते हैं। जिसे लेकर थाना में आवेदन दे दिया गया है और FIR भी किया जा चूका है। उन्होंने पत्रकार के लिए सुरक्षा की मांग की है।
ऑपरेशन के बाद महिला को यूरिन आने में होने लगी परेशानी : एम्बुलेंस बुलाकर भेज दिया गया जमुई
वहीं मृत महिला के पति परमेश्वर साह ने बताया कि उसकी पत्नी की तबियत ठीक नहीं रहने के कारण इलाज के लिए अस्पताल भेजा था जहाँ डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन करना होगा। घंटों ऑपरेशन के बाद महिला को यूरिन आने में परेशानी होने लगी जबकि डॉक्टर से पूछने पर उन्होंने एम्बुलेंस बुलाकर पटना लें जाने को कह दिया लेकिन पटना ना ले जाकर जमुई ही उतार कर भर्ती करा दिया गया।