मिरर मीडिया संवाददाता, नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक कवच सिस्टम का सफल परीक्षण किया। इस सुरक्षा तकनीक के तहत कुल 7 महत्वपूर्ण परीक्षण किए गए, जिनमें से हर एक ने रेलवे सुरक्षा के नए मापदंड स्थापित किए।
टेस्ट 1: ट्रेन ड्राइवर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चला रहा था, लेकिन कवच ने स्वतः ट्रेन को होम सिग्नल पर रोक दिया। सिग्नल से 50 मीटर पहले ट्रेन को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई।
टेस्ट 2: स्थायी गति प्रतिबंध (PSR) के तहत 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति सीमा तय की गई थी। ड्राइवर ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहा था, लेकिन कवच ने पूरे सावधानी क्षेत्र में गति को नियंत्रित किया और क्षेत्र के बाद गति फिर से 130 किलोमीटर प्रति घंटे कर दी।
टेस्ट 3: लूप लाइन सेटिंग में ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाया गया। इस स्थिति में कवच ने स्वतः गति को घटाकर 30 किलोमीटर प्रति घंटे कर दिया।
टेस्ट 4: स्टेशन मास्टर द्वारा असामान्यता का संदेश मिलने पर कवच ने ट्रेन को अपने आप रोक दिया।
टेस्ट 5: लेवल क्रॉसिंग टेस्ट के दौरान ड्राइवर ने हॉर्न नहीं बजाया, लेकिन कवच ने लेवल क्रॉसिंग गेट संख्या 148 पर स्वतः हॉर्न बजा दिया।
टेस्ट 6: लोको के कैब में अगले सिग्नल एस्पेक्ट की जानकारी हर समय दिखाई दे रही थी, जो कैब सिग्नलिंग प्रणाली का परीक्षण भी था।
टेस्ट 7: होम सिग्नल स्पैड (सिग्नल पासिंग एट डेंजर) टेस्ट में, ड्राइवर ने लाल सिग्नल पार करने की कोशिश की, लेकिन कवच ने ट्रेन को आगे बढ़ने नहीं दिया।
इस सफल परीक्षण ने रेलवे की सुरक्षा और तकनीकी उन्नति को एक नई ऊंचाई दी है।