9.8 C
New York
Sunday, November 17, 2024

Buy now

Dhanbad: नहीं मिल पा रही अनाथ ट्राइबल बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने किया ग्रामीण इलाको का दौरा, बच्चों की स्थिति का लिया जायजा

मिरर मीडिया संवाददाता, धनबाद: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी स्पॉन्सरशिप स्कीम, जो अनाथ या पितृहीन बच्चों को हर माह चार हज़ार रुपये देने का प्रावधान करती है, डॉक्युमेंटेशन की जटिलताओं के कारण ज़रूरतमंद बच्चों तक नहीं पहुंच पा रही है। खासकर, ज़िले के ट्राइबल बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

शुक्रवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) के चेयरपर्सन उत्तम मुखर्जी ने इस समस्या को उजागर करने के लिए ट्राइबल गांवों का दौरा किया। बरवाअड्डा के कल्याणपुर के पास कर्मागोड़ा गांव में हाल ही में एक आदिवासी व्यक्ति की बीमारी से मृत्यु हो गई। पति की मौत के बाद पत्नी भी कहीं चली गई, जिससे दंपति के पाँच बच्चे अनाथ हो गए हैं। इनमें से एक बच्ची मूक-बधिर है। सभी बच्चों की उम्र पाँच से सोलह साल के बीच है। बच्चों की परवरिश उनके असहाय चाचा कर रहे हैं।

मुखर्जी ने कहा, इन बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ मिलना चाहिए, और मूक-बधिर बच्ची को विकलांगता पेंशन मिलनी चाहिए। लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मुखिया का पत्र, बैंक खाता जैसे कई दस्तावेज़ों की जरूरत होती है, और अनाथ बच्चे इन दस्तावेजों के बिना सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने में असमर्थ हैं। इसका परिणाम यह है कि असली हकदार योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं।

सीडब्लूसी चेयरपर्सन ने सुझाव दिया कि सरकार और विभागों को नियमों में शिथिलता बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा, “जो बच्चे खाने के लिए तरस रहे हैं, वे इतने प्रमाणपत्र कहाँ से लाएंगे?” उन्होंने यह भी कहा कि या तो विभाग नियमों को आसान बनाए या स्पॉट पर जाकर दस्तावेज़ों की जांच कर उन्हें जारी करे। कुछ मामलों में व्यक्तिगत प्रयासों से मदद की गई है, लेकिन इसे व्यापक रूप से लागू करने के लिए मैकेनिज्म और विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है।

अब तक, सीडब्लूसी अध्यक्ष ने आठ ट्राइबल बच्चों की पहचान की है और मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने की योजना बनाई है। डीएलएसए सचिव राकेश रौशन को भी मुखर्जी ने इस बारे में पूरी जानकारी दी है। बच्चों के बारे में ज़िला बाल संरक्षण पदाधिकारी को भी अवगत करा दिया गया है। बरवाअड्डा में पाँच और राजगंज में तीन ट्राइबल बच्चों की पहचान की गई है।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles