Dhanbad में नालसा के निर्देश पर वर्ष 2024 के तीसरे नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन राम शर्मा ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने की दिशा में एक कदम है। बता दें की राष्ट्रीय लोक अदालत नवंबर 2013 से पूरे देश में हर तीन महीने में आयोजित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिए – मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिए लगाए जाते हैं। बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है। इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है और प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है।
समय की बचत के साथ कानूनी पचड़ों से मुक्ति -अवर न्यायाधीश का बयान
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है, जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है। शुरूआती चार घंटे में एक लाख सात हजार विवादों का निपटारा हुआ है।
90 हजार प्री-लिटिगेशन मामलों का निपटारा
मुकदमों के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 12 बेंच का गठन किया गया था, जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा किया गया। विभिन्न विभागों से संबंधित 90 हजार प्री-लिटिगेशन मामलों का निपटारा किया गया।