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Sunday, November 17, 2024

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भारत-यूएई के बीच रणनीतिक साझेदारी: ऊर्जा, परमाणु व फूड पार्क समझौते पर हस्ताक्षर

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने के उद्देश्य से बड़ी सौगात दी है। इस यात्रा के दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

ऊर्जा और परमाणु क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा

भारत और यूएई के बीच परमाणु ऊर्जा और पेट्रोलियम क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनी है। समझौतों में पहला अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति का समझौता है। इसके अलावा, अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी और भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड ने भी एक समझौता किया है, जिसके तहत यूएई के बाराकाह परमाणु संयंत्र का संचालन और रख-रखाव भारत द्वारा किया जाएगा।

कच्चे तेल के उत्पादन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए नए समझौते

तीसरा समझौता इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड और एडीएनओसी के बीच हुआ। चौथे समझौते के तहत अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक-1 के लिए उत्पादन रियायत का अधिकार भारत को प्रदान किया गया है। इस रियायत के तहत भारत देश में कच्चा तेल ला सकेगा, जिससे उसकी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

गुजरात में फूड पार्क की स्थापना

क्राउन प्रिंस की यात्रा के दौरान एक और महत्वपूर्ण समझौते के तहत यूएई गुजरात में एक फूड पार्क स्थापित करेगा। इसके लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच समझौता किया गया है, जिससे खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और रणनीतिक संबंधों पर चर्चा

शेख खालिद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भारत और यूएई के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।

भारत-यूएई संबंधों में नए आयाम

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूएई के साथ भारत के घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध ऐतिहासिक हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, और सांस्कृतिक सहयोग में गहरा विस्तार हुआ है। इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने भी यूएई का दौरा किया था और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें व्यापार और ऊर्जा सहयोग को प्रमुखता दी गई थी।

भारत और यूएई के बीच यह नवीनतम सहयोग दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को और मजबूत करेगा और वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में उनकी भूमिका को नया आयाम देगा।

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