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Sunday, November 3, 2024

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आम जनता से दुर्व्यवहार व बदतमीजी करना अब पुलिसकर्मियों को पड़ेगा भारी, DGP ने जारी किया निर्देश

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने बहाना बनाकर ससमय केस दर्ज नहीं करनेवाले थानेदारों और दुर्व्यवहार करनेवाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आदेश सभी वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को दिया है।

डीजीपी ने जारी किया निर्देश

इस संबंध में एक पत्र पुलिस मुख्यालय से रविवार को जारी हुआ।निर्देश में डीजीपी ने कहा है कि आम जनता से दुर्व्यवहार और बदतमीजी करनेवाले पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाये।उन्होंने कहा कि विभिन्न सूत्रों से ऐसी जानकारी प्राप्त हो रही है कि झारखंड राज्य के अनेक जिलों में थाना प्रभारी और थाना के अन्य कर्मी विशेषकर मुंशी आम जनता से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। जनता की शिकायतों पर थाना में प्राप्ति रसीद भी नहीं देते है। जिसके चलते भुक्तभोगी भटकते रहते हैं और उन्हें उचित न्याय नहीं मिल पाता है।

निर्देश में कही गई यह बात

  • यदि कोई साइबर अपराध, एससी-एसटी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग और महिला अपराध से संबंधित भुक्तभोगी किसी थाने पर जाता है, तो उसे क्रमश. साइबर, एससी-एसटी, ह्यूमन ट्रैफिकिंग या महिला थाना में जाने की सलाह दी जाती है, जो कि पूर्णतः गलत है। यदि किसी जिले में अपराध, महिला अपराध, साइबर अपराध के लिए अलग से थाना खुला है, उसका ये मतलब कतई नहीं है कि जिले के अन्य थानों में इस संबंध में एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती है ।सभी वरीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया जाता है कि जैसे ही इस प्रकार का कोई मामला मिले, तो अविलंब उस थाना प्रभारी को थाना से हटा दिया जाये और उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाये।
  • वहीं , बीएनएसएस-173 में स्पष्ट प्रावधान है कि बिना अपराध किये गये क्षेत्र पर विचार किये थाना प्रभारी एफआइआर और जीरो एफआइआर दर्ज करें। यदि कोई थाना प्रभारी इसका अनुपालन नहीं करता है तो स्पष्ट है कि वो कानून का उल्लंघन कर रहा है।
  • सभी डीआइजी और एसपी अपने-अपने जिले और क्षेत्र में ऐसी व्यवस्था कायम करें कि आम जनता अपनी शिकायत को वरीय अधिकारियों ( पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक) के पास दर्ज करा सके।विशेषकर जहां पर थाना प्रभारियों द्वारा उनकी शिकायत पर आवश्यक कार्रवाई नहीं की जाती है।
  • सभी जिलों के एसपी और डीआइजी को सख्त निर्देश दिया जाता है कि वे भ्रमण के क्रम में थानेदारों और थाने पर पदस्थापित अन्य कर्मियों को आम जनता के प्रति अच्छा व्यवहार करने के लिए निर्देशित करें। आम जनता के साथ दुर्व्यवहार करनेवाले पुलिसकर्मियों को चिह्नित करें एवं अविलंब थाना से हटा दें।

सभी पुलिसकर्मियों को जानकारी दिये जाने की आवश्यकता है कि वे समाज और जनता के सेवक एवं सुरक्षाकर्मी है, न कि उनके मालिक।पुलिसकर्मियों को इसी भाव से अपनी ड्यूटी करनी चाहिए।

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