7 C
New York
Sunday, November 3, 2024

Buy now

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव, पढ़े पूरी खबर

डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत लगातार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर वहां के हिंदुओं के मुद्दे को लेकर दबाव बना रहा है, जबकि बांग्लादेश की नई मोहम्मद यूनुस सरकार ने हाल ही में भारत विरोधी बयानों को हवा दी है। इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट बढ़ने लगी है।

मोहम्मद यूनुस की भारत से संबंध सुधारने की शर्त

नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए निष्पक्षता और समानता की शर्त रख दी है। उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा कि बांग्लादेश भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंध चाहता है, लेकिन ये संबंध तभी स्थायी होंगे जब दोनों देश समानता और निष्पक्षता के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद की राजनीतिक उथल-पुथल

5 अगस्त को देश में बढ़ती हिंसा के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद और बांग्लादेश छोड़ दिया था। इसके बाद 8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी। यूनुस के सत्ता में आते ही उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत कई अन्य वैश्विक नेताओं से फोन पर बात की और शुभकामनाएं प्राप्त कीं।

SAARC को पुनर्जीवित करने की कोशिश

मोहम्मद यूनुस ने यह भी कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि बांग्लादेश को दुनिया एक सम्मानित लोकतंत्र के रूप में देखे। उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम उठाए जाने की बात कही। इसके अलावा, भारत और बांग्लादेश के बीच बाढ़ और जल संकट जैसे मुद्दों पर भी उच्च स्तरीय वार्ता चल रही है।

भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ती खटास

मोहम्मद यूनुस ने साफ किया कि भारत को यह भ्रम त्यागना होगा कि शेख हसीना की अनुपस्थिति में बांग्लादेश एक और अफगानिस्तान बन सकता है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ बेहतर संबंध चाहता है, लेकिन शेख हसीना द्वारा भारत के खिलाफ की जा रही राजनीतिक टिप्पणियां इन संबंधों में बाधा डाल रही हैं। यूनुस ने कहा कि प्रत्यर्पण के अनुरोध तक शेख हसीना को चुप रहना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग का माहौल बना रहे।

इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि भारत और बांग्लादेश के संबंधों में बदलाव की लहर चल रही है। अब यह देखना बाकी है कि दोनों देशों के नेतृत्व किस दिशा में इन चुनौतियों का सामना करेंगे और आपसी संबंधों को किस हद तक सुधारने की कोशिश करेंगे।

  • खबरें और भी हैं mirrormedia.co.in पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं, आप हमसे जुड़ सकते हैं Facebook, Instagram, X अपने सुझाव या खबरें हमें mirrormedia2019@gmail.com पर भेजें।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles