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Thursday, March 27, 2025

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गणपति आयो रिद्धि सिद्धि लायो : आज धूमधाम से मनाया जा रहा है गणेश जन्मोत्सव

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश पूजा यानी गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 सितंबर की दोपहर को 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष गणेश चतुर्थी का शुभारंभ आज यानी 7 सितंबर, दिन शनिवार से होगा। इसी दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना होगी और व्रत रखा जाएगा।

आज 7 सितंबर को पूरे देशभर में गणेश उत्सव

बता दें कि आज 7 सितंबर को पूरे देशभर में गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। जो भगवान गणेश को समर्पित है।  गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है और माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के दुख और कष्टों का नाश होता है।

भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता गणेश चतुर्थी का पर्व

गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करते हैं और नए कार्यों की शुरुआत में शुभ फल देते हैं। इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति की विधि पूर्वक स्थापना की जाती है और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने से सभी प्रकार के विघ्न होते हैं दूर

मान्यता के अनुसार, गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और कार्य सिद्ध होते हैं। दूर्वा को पवित्र और शुद्ध माना जाता है। दूर्वा चढ़ाने के पीछे यह मान्यता है कि पूजा का कार्य पवित्रता के साथ किया जा रहा है। साथ ही गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। मान्यता के अनुसार, दूर्वा भगवान गणेश को खुश करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का आसान उपाय है। दूर्वा यानी जिसे दूब घास भी कहा जाता है, भगवान गणेश के प्रति सम्मान और प्रेम का प्रतीक है। यह अर्पण भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। इसलिए गणपति की पूजा में दूर्वा को जरूर अर्पित किया जाता है।

इन शुभ मुहूर्त में गणेश चतुर्थी की करें पूजा और मूर्ति स्थापना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त, सुबह 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा, इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

10 दिनों तक चलता है गणेश चतुर्थी का उत्सव

बता दें कि गणेश चतुर्थी का ये उत्सव 10 दिनों तक चलता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा के विसर्जन के साथ ही इस उत्सव का समापन हो जाता है। उत्सव के अंतिम दिन को गणेश विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भक्तजन पूरे धूम धाम के साथ गणपति बप्पा को विदाई देते हैं।

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